परिवार की असली नींव: जीवनसाथी को प्राथमिकता दें

 


एक बुजुर्ग पिता ने एक दिन अपनी बड़ी बेटी से पूछा,

“बेटा, तुम्हारी ज़िंदगी में सबसे अहम चीज़ क्या है?”

बेटी ने बिना सोचे जवाब दिया,
“पापा, मेरे बच्चे! वही मेरी दुनिया हैं, मेरे लिए सब कुछ।”

पिता ने वही सवाल अपने दामाद से भी किया।
दामाद ने भी वही उत्तर दिया,
“बिल्कुल बच्चे ही। उनकी खुशियों और उनके बेहतर भविष्य के लिए ही मैं दिन-रात मेहनत करता हूँ।”

बुजुर्ग मुस्कुराए और बोले,
“तुम दोनों की सोच बहुत अच्छी है, बच्चे वाकई महत्वपूर्ण हैं। लेकिन मुझे लगता है, तुम दोनों एक बड़ी गलती कर रहे हो।”

दंपति चौंक गए, “कौन सी गलती पिताजी?”

बुजुर्ग ने कहा,
“तुम दोनों बच्चों से बेहद प्यार करते हो, उनके लिए समय भी निकालते हो, लेकिन मैंने देखा है कि तुम्हारी सारी बातें और ध्यान ज़्यादातर सिर्फ बच्चों तक ही सीमित रहते हैं। तुम्हारे बीच का रिश्ता धीरे-धीरे पीछे छूट रहा है।”

बुजुर्ग ने उदाहरण देते हुए कहा,
“मैं एक गौपालक हूँ। मेरा सारा जीवन गायों की देखभाल में बीता है। अगर मैं गायों को अच्छे से रखूँगा, तो दूध अपने आप अच्छा होगा। लेकिन अगर गायों की अनदेखी करूँगा, तो दूध का उत्पादन और उसकी गुणवत्ता दोनों बिगड़ जाएँगे।

उसी तरह, एक पति और पत्नी के रूप में तुम्हारी ज़िंदगी में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति तुम्हारा जीवनसाथी होना चाहिए। बच्चे तुम्हारी शादी का परिणाम हैं, लेकिन नींव तो तुम दोनों हो। अगर तुम एक-दूसरे को प्राथमिकता दोगे, ख्याल रखोगे, तो बच्चे खुद-ब-खुद सुरक्षित, खुश और सुसंस्कृत होंगे।

पर अगर तुम एक-दूसरे की उपेक्षा करोगे, तो यह नींव कमजोर हो जाएगी और पूरा घर कभी भी ढह सकता है।”

बुजुर्ग की आँखें भर आईं। उन्होंने कहा,
“तुम्हारी माँ और मेरा रिश्ता 50 सालों से मजबूत है, क्योंकि हमने हमेशा एक-दूसरे को सबसे पहले रखा। यही एक सफल रिश्ते का राज़ है।”

दंपति ने झुककर उनका आभार जताया और वादा किया कि अब से वे एक-दूसरे को समय और महत्व देंगे।

सच है—अगर जीवनसाथी को नजरअंदाज किया जाए, तो रिश्ता कमजोर पड़ने लगता है और शादी टूटने की कगार पर पहुँच सकती है।
बच्चों को प्यार और देखभाल देना ज़रूरी है, लेकिन जीवनसाथी को नज़रअंदाज़ करने की कीमत पर नहीं।
रिश्ते की नींव हमेशा मजबूत रखो, तभी परिवार खुशहाल रहेगा।

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