शेर से डरकर भागना या डटकर सामना — एक सीख

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जंगल की हरियाली में एक झुण्ड जंगली भैंसें शांति से चर रही थीं। तभी एक नन्हा सा बछड़ा अपने पिता के पास आया और मासूमियत भरे स्वर में पूछ लिया, “पिताजी, क्या इस जंगल में ऐसी कोई चीज़ है जिससे हमें सचमुच डरना चाहिए?”

बूढ़े भैंसे ने धीमे से कहा, “बस शेरों से सावधान रहना।”

बछड़ा और चिंतित हो गया। “हां, मैंने भी सुना है वे बड़े खतरनाक होते हैं। अगर कभी मुझे शेर दिखे तो मैं जितनी तेजी से हो सके भाग जाऊँगा।”

भैंसा ने उसे झट से टोकते हुए कहा, “नहीं बेटा, भागना समाधान नहीं है। उस स्थिति में तुम कुछ कर ही नहीं पाओगे।”

बछड़े को यह बात अजीब लगी। “क्यों पिताजी? वे मुझे मार सकते हैं, तो मैं भागकर अपनी जान क्यों नहीं बचाऊँ?”

भैंसा गंभीर होकर समझाने लगा, “सोचो जब तुम भागते हो तो शेर तुम्हारा पीछा करेगा। पीछा करते-करते वह तुम्हारी पीठ पर हमला कर सकता है; तुम ठोकर खाकर गिर सकते हो — और गिरने के बाद स्थिति बहुत ख़राब हो सकती है।”

बछड़ा डरकर बोला, “तो मुझे क्या करना चाहिए?”

भैंसा ने धीरज से उत्तर दिया, “अगर तुम कभी शेर को देखो, तो घबराकर भागना मत। अपने स्थान पर खड़े रहो और दिखाओ कि तुम डरते नहीं। अगर वह पास आए तो अपनी तेज़ सींगें और खुरें ज़मीन पर पटक कर आवाज़ कर दो। फिर धीरे-धीरे उसके पास जाओ और आख़िर में पूरी ताकत से उसे पीछे धकेल दो।”

बछड़ा हैरान हो उठा। “यह तो पागलपन जैसा है! अगर शेर पलटकर हमला कर दे तो?”

भैंसा ने उसे चारों ओर देखने के लिए कहा। बछड़े ने निगाहें घुमाईं और देखा—आसपास सैकड़ों मजबूत भैंसे, एकजुट और तैयार थीं।

भैंसा ने मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, जब तुम अकेले डरकर भागोगे तो कोई तुम्हें बचा नहीं पाएगा। पर अगर तुम ठहरकर साहस दिखाओगे और लड़ोगे, तो हम सब तुम्हारे पीछे खड़े होंगे। तुम्हारे साथ एक पूरी ताकत खड़ी है।”

बछड़े ने गहरी साँस ली और पिता को धन्यवाद कहा। वह अब समझ चुका था कि भाग कर कुछ हल नहीं होगा — साहस और एकजुटता ही सुरक्षा हैं।

ज़िंदगी में “शेर” से मतलब वो मुश्किलें हैं जो हमें डराती हैं और भागने को मजबूर करती हैं। यदि हम भागें तो मुश्किलें हमारा पीछा करती हैं और हमें कमजोर कर देती हैं। पर जब हम डटकर सामना करते हैं—हिम्मत दिखाते हैं और साथियों की ताकत का भरोसा रखते हैं—तो वही मुश्किलें चौंक कर पीछे हट जाती हैं। इसलिए भय में भागने की जगह साहस से खड़े रहो; अपने आप पर और अपने साथियों पर भरोसा करो — एकता में ही असली ताकत है।

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