फिलीपींस के कुछ मछुआरे जब मिंडानाओ द्वीप के पास अपनी नाव चला रहे थे, तो उन्होंने समुद्र की लहरों के बीच एक सफेद यॉट को तैरते हुए देखा। यॉट पूरी तरह शांत थी — न कोई हलचल, न कोई आवाज़। यह देखकर वे हैरान रह गए और जिज्ञासा से उसकी ओर बढ़े। जैसे ही वे पास पहुँचे, उन्होंने समुद्री इतिहास का एक विचित्र और भयावह दृश्य देखा।
यॉट के भीतर एक व्यक्ति रेडियो के सामने बैठा था — मानो किसी क्षण में जड़ हो गया हो। उसका शरीर सख्त और ग्रे रंग का हो चुका था, बिल्कुल किसी मूर्ति की तरह।
बाद में जांच में पता चला कि वह व्यक्ति जर्मन नाविक और साहसिक यात्री मैनफ्रेड फ्रिट्ज़ बाजोराट था। अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद वह अकेलेपन और आत्मिक शांति की खोज में समुद्र की यात्रा पर निकला था।
यॉट के अंदर से उसकी डायरी, निजी तस्वीरें और आधिकारिक दस्तावेज़ बरामद हुए। उनसे यह संकेत मिला कि बाजोराट ने अपने अंतिम महीने समुद्र के बीच अकेले बिताए थे और संभवतः रेडियो से मदद मांगते समय उसे दिल का दौरा पड़ा था।
समुद्री हवा और नमकीन वातावरण ने उसके शरीर को स्वाभाविक रूप से ममीकृत (ममी जैसा संरक्षित) कर दिया, बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के।
बाजोराट ने आखिरी बार 2009 में यमन से अपनी यात्रा शुरू की थी, और जब 2016 में उसका शव मिला, तब तक के सात वर्षों में उसके साथ क्या हुआ, यह आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
यह घटना आज भी समुद्र में एकांत, मौन और रहस्यमय मृत्यु का प्रतीक मानी जाती है — और आधुनिक काल के सबसे अनसुलझे समुद्री रहस्यों में से एक के रूप में याद की जाती है।
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